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खाणो पीणो बैठणो घडी नही बिसराम ।
बो जावै परदेस मँ जिण रो रूसै राम ||
 
कठिन राजस्थानी शब्दो के हिन्दी अर्थ
* बेलिया -साथी, * बध बध - आगे आकर , * ओळमा - उलाहना,
*बाँथ- आलिंगन , *पैली - एक , *सायना -हम उमर , *सेज़ाँ - शयन करने की जगह
*गौरडी - गणगौर जैसी नायिका , * गेल -पिछला , *परणेत - पत्नी ,
*बेली- साथी , *लोगडा - आम आदमी , *घूमन - फिरना ,
*बेलिया- साथिया , *पीसां - पैसे , *सगळा -सभी ,
*कग्यो - कह गया , *मांड्या - लिखना , *कंवळै - दीवार पर ,
*मैडी - ऊंचा स्थान , *दोरा सोरा - जैसे तैसे किसी कार्य को करना ,
*गैला - पागल, *लाजां - लज्जा , *चीरडा - चिथड़े , * रात्यूं - रात भर ,
*फाग - एक प्रकार की ओढ़नी जो फाल्गुन में राजस्थानी औरते पहनती है ,
*सून्पी- सौंप दिया , * र्रैँतां थका , होने के बावजूद,
*सूगली - गंदी , *डूंगरी - पहाडी ,
*कैडो - कैसा , *जिण रो - जिस का
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