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06:39, 24 सितम्बर 2011
<poem>* मधुप मोहता विदेश सेवा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली में संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत हैं। काफ़ी समय (एम्स) से आप हिंदी लेखन कार्य से जुडे़ हैं। देश-विदेश चिकिस्ता में आपकी कविताओं के पाठ होते हैं। आपके इस काव्य संकलन को 'मैथिलीशरण गुप्त सम्मान' से सम्मानित किया गया स्नातक उपाधि (एम.बी.बी.एस.) प्राप्त की है। समय की रेत पर छूटे निशानों की तरह होती है कविता। कविता-जिसमें दर्द आकार पाता है, टूटे मन की व्यथा शब्दों के ज़रिए मुखर हो उठती है। कविता-जो सपनों * इसके अलावा आपने हांगकांग विश्वविद्यालय और कल्पनाओं स्टॉकहोम के ताने-बाने से बिनी झीनी चदरिया की तरह होती आई.एफ़.एल. में अध्ययन किया है। कविता-जो समर्पित होती है किसी अदेखें, अजाने व्यक्तित्व को। 'समय, सपना, और तुम' कवि मधुप मोहता की ऐसी ही कुछ भावपूर्ण कविताओं का संकलन है, जिनमें उनके कवि मन की कोमल अनुभूतियां साकार होती हैं। '''कवि की बात'''मैंने अपने जीवन में समाज * आप भारत के साथ तीन समझौते किए हैं। समाज के साथ मेरा पहला समझौता एक चिकित्सक के रूप विदेश मंत्रालय में थासेवारत हैं और हांगकांग, दूसरा सैनिक के रूप में तीसरा राजनयिक के रूप में। समाज के साथ मेरे तीनों समझौते अभिव्यक्ति की मर्यादाओं से बँधे हैं। समाज में केवल कवि एक ऐसा व्यक्ति हैकाठमांडू, जो अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज से जो कुछ पाता है, वह समाज को वापस लौटाता है। ‘समय, सपना बेंकॉक और तुम’ लंदन में संकलित मेरी कविताएँ समाज के प्रति मेरी प्रतिक्रियाएँ हैं। इस संकलन की कविता ‘समय’ मेरी प्रिय कविता है। ‘समय’ के विषय पर अनेक कविताएँ लिखी गई हैं। उदाहरण के तौर पर टी०एस० इलियट की कविताओं ‘फोर क्वार्टेट्स’ और ‘प्रूफ़ौक’ भारतीय डिप्लोमेटिक मिशन्स में समय का बहुत अच्छा चित्रण कार्य किया गया है। मेरी कविता ‘समय’ अनायास ही हो गई। समय एक अविराम कविता है * मधुप Indian Council of Cultural Relations और कवि समय Foreign Service Institute के निर्बाध प्रवाह में एक अर्धविराम भर है, जो शब्दों को स्याही में सँजोकर पाठक या श्रोता को प्रस्तुत करता है। भारत उन गिने-चुने देशों में से एक है, जो एक साथ बीस अलग-अलग सदियों में निदेशक भी रह रहा है। इन कविताओं में भारतीय सभ्यता चुके हैं।* आपने गगनांचल नामक प्रसिद्ध हिन्दी पत्रिका का ही अनूठापन समाहित संपादन भी किया है। इस संकलन को प्रस्तुत करने में मेरे कई मित्रों ने मुझे सहयोग दिया और उनका उल्लेख यहाँ करना अत्यंत आवश्यक है। मैं सुश्री कामना प्रसाद, नमिता भाटिया, डॉ. रेशमा हिंगोरानी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूँ, जिन्होंने अंतरताने व जगह-जगह बिखरे स्मृति के पन्नों को संकलित करने में मेरी सहायता की।</poem>