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कवि उदास है/अणमणौ है/दुखी है
कवि नै सिकायत है के लोग हिरदै विहूणा संवेदणा हीण हुयगा है के लोग आजकाल कविता नीं पढे
के लोगां रै जीवण सूं कविता अलोप हुयगी कवि नै सिकायत है
पण बतावौ कवि के कळी चढायोड़ा सबद भासा रौ कपट-जाळ/छळ/आडंबर हवाई क्रांति-विचार थोथै दरसण रा धधकता अगनमुखी अणजाणां बिंब/अपरोगा-ओपरा प्रतीक अणमेळ मुहावरा अरथ बायरी औळियां के मगज री अंधारी गुफा सूं निकळता विडरूप औरांगऊटांग एब्स्ट्रेक्ट/अमूरतन
बतावौ कवि आं में कठै है जीवण
सवाल है के जीवण सूं कविता अलोप हुई है के कविता सूं जीवण
कविता में जीवण नीं होसी तौ लोग ‘जय हनुमान ज्ञान गुण सागर’ गाता रैसी नै पोथियां ताक पे सजाता रैसी
जिण पानै माथै कविता छपसी उण सूं हींग री पुड़िया बंधसी
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