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{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>आं आखरां नै संभाळ’र देख तूं
ऐ सवाल सामां उछाल’र देख तूं
आ गयां पछै लारै रैसी कांईं
पीड़ अमोलक, पीड़ पाळ’र देख तूं
मुळकती सांस रो भेद समझ आसी
सांस खातर सांस गाळ’र देख तूं
राख देख’र उदास ना हो भायला
फूंक मार खीरा उजाळ’र देख तूं
बिना कैयां आखो जग जाण जासी
म्हैं आंसू म्हांनै निकाळ’र देख तूं
</poem>
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|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>आं आखरां नै संभाळ’र देख तूं
ऐ सवाल सामां उछाल’र देख तूं
आ गयां पछै लारै रैसी कांईं
पीड़ अमोलक, पीड़ पाळ’र देख तूं
मुळकती सांस रो भेद समझ आसी
सांस खातर सांस गाळ’र देख तूं
राख देख’र उदास ना हो भायला
फूंक मार खीरा उजाळ’र देख तूं
बिना कैयां आखो जग जाण जासी
म्हैं आंसू म्हांनै निकाळ’र देख तूं
</poem>