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तौफीक दे तू मौला ,या एसा निजाम दे- दे
ग़ुरबत भूखे में जी को रहे जो , उनको मिलें दे सँकू मैं दो वक्त के निवाले
हमको कसम तुम्हारी ,कुछ तो यकीन कर लो