भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>लील-सूक है दोनूं म्हारी सांवरिया
अब खेलै तो मरजी थारी सांवरिया
कीं तो कमी हुवैला थारै आंगणियै
हरख-चिड़ी जावै परबारी सांवरिया
जग देखां पण कोई जचै रुचै कोनी
आ है ईं मन री लाचारी सांवरिया
औ खेल है औ खेल इंयां ई चालसी
तावड़ो छीयां बारी-बारी सांवरिया
दो दिन मिल मुळक बतळावणो सगळा सूं
थारी माया सबसूं न्यारी सांवरिया</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>लील-सूक है दोनूं म्हारी सांवरिया
अब खेलै तो मरजी थारी सांवरिया
कीं तो कमी हुवैला थारै आंगणियै
हरख-चिड़ी जावै परबारी सांवरिया
जग देखां पण कोई जचै रुचै कोनी
आ है ईं मन री लाचारी सांवरिया
औ खेल है औ खेल इंयां ई चालसी
तावड़ो छीयां बारी-बारी सांवरिया
दो दिन मिल मुळक बतळावणो सगळा सूं
थारी माया सबसूं न्यारी सांवरिया</poem>