भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani‎}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>सावण-भादवा तिरसाया अठै
बोल बेली आपां आया कठै

रात लारै हुयो हरखै हो सूरज
अब कैवै- आछा पजाया अठै

सूखै ताळवो : पितळावै आंख
रुळां पाणी रा भरमाया अठै

आं ई हाथां हुवणो है हलाल
ईद पैली लाड सवाया अठै

जग ऊभो आज मुळकै आंगणै
तरसै आ आंख : मा जाया कठै</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits