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<poem>सूरज-चाटी आं धोरां री।रीउकळै माटी आं धोरां री॥री
सड़कां माथै चाली छोरी कैवै
दौरी घाटी आं धोरां री।री
धोरां बिच्चै घायल जात्री
बांधै पाटी आं धोरां री।री
तिरसो एक मिरगलो मरग्यो
आंख्यां फाटी आं धोरां री।री
बूंद पड़ै पसवाड़ो फोरै
मुळकै माटी आं धोरां री।री</poem>
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