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Kavita Kosh से
उसने कहा-
रावुण्णी गुरुजी
कठिनाइयों से जूझने का साहस दिलानेवाली
और
गले में फंदा डालर्करडालकर
नीचे कूदा वह
फिर सीधा ही खड़ा रहा !
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