Changes

स्त्री / सुमित्रानंदन पंत

21 bytes added, 05:18, 7 नवम्बर 2011
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKPrasiddhRachna}}
<poem>
यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, तो वह नारी उर के भीतर,