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{{KKPustak
|चित्र=hawaon ke saz par.jpg
|नाम :हवाओं के साज़ पर
|रचनाकारःअना क़ासमी
|प्रकाशन :अयन प्रकाशन, महरौली, नई दिल्ली-110030
*[[ऐसे कुछ लोग भी इस राह में अक्सर ठहरे/ ‘अना’ क़ासमी]]
*[[दिल दिया है तो एतबार भी कर / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ख़बर है दोनों को दोनों से दिल लगाऊँ मैं/ ‘अना’क़ासमी]]
*[[क़ासमी नज़रें मिला के आप ज़रा फिर वही कहें / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[लहजे में कुछ खुमार सा बाक़ी था रात का/ ‘अना’ क़ासमी]]