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{{KKParichay
|चित्र=Shivdeen-ram-joshi.jpg
|नाम=शिवदीन राम जोशी
|उपनाम=
|जन्म=10 जून 1921
|मृत्यु=27 जुलाई 2006
|जन्मस्थान=खंडेला, सीकर, राजस्थान
|कृतियाँ=अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, छंद तरंग
|विविध=
|अंग्रेज़ीनाम=Shivdeen Ram Joshi, Shivdin
|जीवनी=[[शिवदीन राम जोशी / परिचय]]
}}
{{KKCatRajasthan}}
अगनित जग से चले जा रहे।
कर विवेक देख तो मनडा, बुरे जा रहे भले जा रहे।
कायम नहीं मुकाम जगत में, भजले रे मन राम जगत में,
नाता संत सजन का सच्चा, विघ्न अनेकों टले जा रहे।
राम नाम शुभ नाम निरंतर, सत्य नाम सियाराम हरि हर,
बेटा पोता काम न आवे, अंत आंख दो मले जा रहे।
धनबल जनबल व्यर्थ अकलबल, तनबल झूंठा जाय सकलबल,
राम नाम बल पार लगावे, बाकी योधा हिले जा रहे।
कहे शिवदीन समझ मन मेरा बनिहों संत चरन का चेरा,
राम नाम हिरदय धरि देखो, खलजन फांसी घले जा रहे।
<poem>
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|चित्र=Shivdeen-ram-joshi.jpg
|नाम=शिवदीन राम जोशी
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|जन्म=10 जून 1921
|मृत्यु=27 जुलाई 2006
|जन्मस्थान=खंडेला, सीकर, राजस्थान
|कृतियाँ=अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, छंद तरंग
|विविध=
|अंग्रेज़ीनाम=Shivdeen Ram Joshi, Shivdin
|जीवनी=[[शिवदीन राम जोशी / परिचय]]
}}
{{KKCatRajasthan}}
अगनित जग से चले जा रहे।
कर विवेक देख तो मनडा, बुरे जा रहे भले जा रहे।
कायम नहीं मुकाम जगत में, भजले रे मन राम जगत में,
नाता संत सजन का सच्चा, विघ्न अनेकों टले जा रहे।
राम नाम शुभ नाम निरंतर, सत्य नाम सियाराम हरि हर,
बेटा पोता काम न आवे, अंत आंख दो मले जा रहे।
धनबल जनबल व्यर्थ अकलबल, तनबल झूंठा जाय सकलबल,
राम नाम बल पार लगावे, बाकी योधा हिले जा रहे।
कहे शिवदीन समझ मन मेरा बनिहों संत चरन का चेरा,
राम नाम हिरदय धरि देखो, खलजन फांसी घले जा रहे।
<poem>