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|रचनाकार=सौभाग्यसिंह शेखावत
}}<poem>'''सौभाग्य सिंह शेखावत'''
प्राचीन राजस्थानी साहित्य के मर्मघे मर्मज्ञ विद्वान् एवं मूर्धन्य साहित्यकार श्री सोभाग्य सिंह जी का जन्म २२ 22 जुलाई १९२४ 1924 को सीकर जिले के भगतपुरा गाँव में हुआ। शेखावाटी के प्रतिष्ठित राजपूत परिवार में जन्मे श्री शेखावत के पैत्रिक गाँव के समीपस्त खूड आपके पूर्वजों का बड़ा ठिकाना रहा है।श्री शेखावत पिछले पॉँच छ दशक से राजस्थानी प्राचीन साहित्य के उद्धार और अनुशीलन के लिए शोध कर्म से जुड़े हुये है। श्री सौभाग्यसिंह शेखावत ने अपनी साहित्यिक यात्रा का शुभारम्भ 1947 में साहित्यिक पत्रिका संघर्ष के संपादक के रूप में किया । जयपुर और फिर बाड़मेर से प्रकाशित संघर्ष पत्रिका का १९५७ तक सम्पादन किया। पंडित जनार्धन राय नागर के आग्रह पर श्री शेखावत ने 1957 में साहित्य संस्थान (राजस्थान विद्यापीठ),उदयपुर में शोध साक्षर के रूप प्राचीन राजस्थानी (डिंगल ) ग्रंथों के शोध- खोज का कार्य प्रारंभ किया तथा 1963 तक संस्थान से जुड़े रहे । इस दौरान उनकी पुस्तकें - राजस्थानी वार्ता भाग -3(1957) राजस्थानी वार्ता भाग -4 , राजस्थानी वार्ता भाग -5 राजस्थानी वार्ता भाग 7 साहित्य संस्थान,उदयपुर से प्रकाशित हुई । चौपासनी शिक्षा समिति जोधपुर द्वारा संचालित राजस्थानी शोध संस्थान के समुचित विकास के उद्देश्य से महाराजा श्री हरिश्चंद्रजी झालावाड और श्री विजय सिंहजी सिरयारी के विशेष अनुरोध पर श्री सौभाग्य सिंह शेखावत साहित्य संस्थान उदयपुर छोड़कर 1963 में जोधपुर चले आये और राजस्थानी शोध संस्थान (चौपासनी जोधपुर) में सहायक निदेशक का पद स्वीकार किया. 1963 से 1980 की कालावधी में श्री शेखावत ने संस्थान की मुख्य शोध पत्रिका परम्परा के सह-सम्पादक के रूप में अनेक कालजयी विशेषांकों को मूर्तरूप दिया. इसी अवधी में इनकी दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई. साहित्यिक क्षेत्र में अपनी उत्क्रष्ट एवं सुदीर्घ सेवाओ से श्री शेखावत राजस्थानी शोध जगत का पर्याय बन चुकें है। आपने राजस्थानी साहित्य को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में अहम् भूमिका निभाई है। राजस्थान ,राजस्थानी भाषा और सस्कृति पर शोध और इतिहास लेखन करने वाले विद्धवानो के प्रकाशित ग्रंथों के सन्दर्भ लेखों में श्री शेखावत का जगह जगह प्रकाशित नाम और उनके सन्दर्भ उन्हें राजस्थानी मनीषी के रूप में प्रतिष्ठापित करते है।शोध लेखन के साथ ही आपने राजस्थानी भाषा की डिंगल शैली की अनेक महत्वपूर्ण पांडुलिपियों को संपादित कर उनका उद्धार किया।'''आपकी प्रकाशित कृतियाँ'''
१-राजस्थानी निबंध संग्रह (१९७४) २- राजस्थानी साहित्य संपदा (१९७७) ३- पूजां पाँव कविसरा (१९७७) ४-राजस्थानी साहित्य संस्कृति और इतिहास (१९९१) ५- जीणमाता ६- राजऋषि मदन सिंह दांता ७- भक्तवर रघुवीर सिंह जावली जीवन परिचय ८- राजस्थानी वार्ता भाग -३ (१९५७) ९-राजस्थानी वार्ता भाग -४ १०- राजस्थानी वार्ता भाग -५ ११-राजस्थानी वार्ता भाग -७ १२-राजस्थानी वीर गीत संग्रह प्रथम भाग १३- विन्हे रासो (१९६६) १४- बलवन विलास (१९७२) १५- राजस्थानी वीर गीत द्वितीये भाग १६- राजस्थानी वीर गीत संग्रह तृतीये भाग १७- राजस्थानी वीर गीत संग्रह चतुर्थ भाग १८- जाडा मेह्डू ग्रन्थावली १९- डून्गरसी रतनु ग्रंथावली (१९७९) २०- स्वतंत्रता सेनानी डुंगजी जवाहर जी (१९७२) २१- कविराज बाँकीदास आशिया ग्रंथावली प्रथम खंड (१९८५) २२- कविराज बाँकीदास आशिया ग्रंथावली द्वितीय खंड (१९८७) २३- मारवाड़ रा उमराव ऋ बारता २४- इसरदान नामक विभिन्न चारण कवि २५- चारण साहित्य की मर्म परीक्षा २६-राजस्थानी शोध संस्थान के हस्तलिखित ग्रंथों की सूची भाग -३ २७- राजस्थानी साहित्य और इतिहास सम्बन्धी प्रकाशित ग्रंथों की सूची २८- शेखावाटी के वीर गीत २९- मालाणि के लोक गीत ३०- कहवाट विलास ३१- कविराज बाँकीदास ३२- वीर भोग्या वसुंधरा ३३- गज उद्धार ग्रन्थ ३४- राजस्थानी हिन्दी शब्दकोष प्रथम खंड संशोधन परिवर्धन -संपादन ३५- रसीले राज रा गीत (सहयोग) ३७- राजा उमेद सिंघ सिसोदिया रा वीर गीत (सहयोग) ३७-एतिहासिक रुके परवाने (सहयोग) ३८- अजीत विलास (सहयोग) ३९-माता जी रि वचनिका (सहयोग) ४०- डा. टेसीटोरी का राजस्थानी ग्रन्थ सर्वेक्षण (सहयोग)४१- सुर्येमल्ल मिषण विसेषांक (सहयोग) ४२-वीर सतसई राजस्थानी टीका (सहयोग) ४३- राजलोक साहित्य (सहयोग) ४४-मोहणोत नेणसी (सहयोग) ४५- णरोल काव्य ४७- अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा नई दिल्ली सताब्दी समारोह स्मारिका संपादन ४७-पत्र दस्तावेज (महाराज कुमार रघुवीर सिंह जी एवं सोभाग्ये सिंह का पत्र व्यवहार ) ४८ -पत्र प्रकाश ( इतिहासकार सुरजन सिंह एवं सोभाग्य सिंह के पत्र ) ४९- ठिकाना खूड एवं दांता का इतिहास
१- राव शेखा - (सुरजन सिंह शेखावत )२- मीरां बाई - (डा. कल्याण सिंह शेखावत ) ३- जोबन म्हारा देश रो (राम सिंह सोलंकी ) ४- होनहार के खेल - (तन सिंह जी ) ५- स्वतंत्रता के पुजारी महाराणा प्रताप सिंह -( कुंवर देवी सिंह मंडवा ) ६- चांपवातों का इतिहास -( ठाकुर मोहन सिंह कानोता) ७- राणा रासो -(दयालदास राव ) ८- केसरी सिंह गुण रासो ९- मारवाडी व्याकरण - (पंडित रामकरन शर्मा आसोपा ) १०- राजपूत शाखाओं का इतिहास - ठाकुर देवी सिंह मंडवा ११- हिये रा हरफ -डा. प्रकाश उम्रावत १२- हम्मीरदे के कछवाह - ठाकुर मोहन सिंघ कानोता १३-मरुधर री मठोठ - गिरधरदान रतनु १४- शार्दुल प्रकाश एवं करवाड राज्य का संक्षिप्त इतिहास - गिरवर सिंह १९९५