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|रचनाकार =रघुवीर सहाय|संग्रह=सीढ़ियों पर धूप में / रघुवीर सहाय
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दूसरे तीसरे
कितना अच्छा है
विश्वास रहता है कि वह प्रज्वलित
मैं भूल नहीं आया।आया ।
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