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प्रतिष्ठा
== ''भूल-ग़लती'' तो पहले से ही मौजूद थी ==
प्रतिष्ठा जी, कल आपने मुक्तिबोध की ये कविता दुबारा डाल दी। आपने ग़लती के ग पर नुक्ता नहीं लगाया, बस इन दोनों कविताओं में ये फ़र्क़ रह गया, आपने मुक्तिबोध की सूची पर गौर नहीं किया।
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०२:३३, २३ फरवरी २००८ (UTC)
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