भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सदस्य:Azad bhagat

545 bytes added, 17:49, 7 जनवरी 2012
--[[सदस्य:Azad bhagat|Azad bhagat]] 13:01, 12 अक्टूबर 2011 (CDT)आजाद भगत
 
[[न जाने क्यूँ]]
 
<poem>
न जाने क्यूँ,
कभी आंसू बहाते है कभी वो खिल-खिलाते है ,
हमें हमसे चुराकर वो हम ही से रूठ जाते है ,
अधर से छेड़कर बाते वो नए किस्से बनाते है ,
करके इशारे निगाहों से हम ही को आज़माते है ,
न जाने क्यूँ.
</poem>
3
edits