भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
आसमान में कविताएँ लिखी होती हैं
कोई नंगी मॉडल कड़ी खड़ी होती है चित्रकार के सामने
कभी भागते घोड़े
तो कभी ख़ून भरा बलगम