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|संग्रह=पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब / ज्यून तकामी
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[[Category:जापानी भाषा]]
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मैं वैसे ही कविता
लिखना चाहता हूँ
जैसे एन्कू ने बुद्ध की मूर्ति बनाई
मैं वैसे ही रिरियाना
चाहता हूँ कविता में
जैसे कोई चोट खाया कुत्ता किंकियाता है
मैं चाहता हूँ कि हूँ— वैसी ही
चमकदार हों मेरी कविताएँ
जैसे पीले-पीले चमकते हैं गेंदे के फूल
मैं वैसी ही सरलता के साथ
लिखना चाहता हूँ कविताएँ
जैसे उड़ते-उड़ते चिड़िया गिराती है बीट
और कभी-कभी मैं इतनी ज़ोर से
कविताएँ पढ़ना चाहता हूँ
जैसे गूँजती है सीटी जलयान की रवाना होने से पहले
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