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Kavita Kosh से
|संग्रह=हृदय की हथेली / पुष्पिता
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प्रेम
हर जन्म में
पुनर्जन्म लेना चाहता है!
समर्पण को सौंपती हूँ
अपना समर्पण
पुनर्जन्म के लिए!</poem>