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Kavita Kosh से
<poem>
( सामान्य से दस डिग्री ऊपर)
'''+10<sup></sup>c'''
भीड़ कभी छितराती है
कभी इकट्ठी हो जाती है
'''+20c'''
बच्चे बड़े बड़े गुब्बारे ओढ़ रहे हैं
गोल लम्बूतरे
'''+30c'''
प्लास्टिक का हेलीकॅाप्टर
रह-रह कर मेरे पास तक उड़ा चला आता है
'''+40c'''
इक्के-दुक्के घोड़े वाले ठक-ठक किनारे-किनारे दौड़ रहे हैं
घोड़े वालों की चप्पलों की चट-चट
'''+50c'''
उस बड़े बन्दर को दो युवक
(एक चंट / दूसरा साधारण ढीला-ढाला-सा)
+60c
हिजड़े और बहरूपिए मचक-मचक कर चल रहे हैं
उन के ढोली गले में रूमाल बाँधे
+70c
कभी-कभी किसी-किसी का कैमरा
क्लिक नहीं करता