भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
अरगन नेवत्यो परगन नेवत्यो अउर नानियाउर<br>
एक नहीं नेवत्यो बीरन भईया जेन्से बैर भये<br>
सास भेटै आपन भईया नन्दा बीरन भईया अरे बाजरा कै <br> फाटै हमरी छतिया कही उठी भेटू अपने बीरन बिनु <br>
अरे अरे करा भवरवा करिया तोहरी जतिया<br>
भौरा फिरसे नेवत्य दै आओ बीरन मोरे आवें<br>