भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
*[[वोह जब भी मिलतें हैं मैं हँस के ठहर जाता हूँ / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]
*[[ये कैसी दिल्लगी है दिल्लगी अच्छी नहीं लगती / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]
*[[गैरत मंद परिंदों यूँ ही हवा में उडते जाते हो / चाँद हादियाबादी]]
*[[साँप की मानिंद वोह डसती रही / चाँद शुक्ला हादियाबादी]]
*[[दो दिन का मेहमान है तेरी यादों का / चाँद हादियाबादी]]
*[[साथ क्या लाया था मैं और साथ क्या ले जाऊँगा / चाँद हादियाबादी]]
</sort>