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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं <ref>पहलू में बैठे </ref> रहे
जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे
ईमान-ए-कुफ़्र <ref>धर्म-अधर्म </ref> और न दुनियाअ दुनिया व दीं <ref>दुनिया और धर्म </ref> रहे ऐ इश्क़ !शादबाश <ref> प्रसन्न रहो </ref> कि तनहा हमीं रहे
या रब किसी के राज़-ए-मोहब्बत की ख़ैर हो
दस्त-ए-जुनूँ <ref>उन्माद का हाथ </ref> रहे न रहे आस्तीं <ref> आस्तीन </ref> रहे
जा और कोई ज़ब्त <ref>सहनशीलता </ref> की दुनिया तलाश कर
ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे क़ाबिल नहीं रहे
मुझ को नहीं क़ुबूल दो आलम <ref>दोनों लोकों की </ref> की वुस'अतें <ref>विशालताएँ </ref> क़िस्मत में कू-ए-यार <ref>प्रेयसी की गली </ref> की दो ग़ज़ ज़मीं रहे
दर्द-ए-ग़म-ए-फ़िराक़ <ref>विरह वेदना </ref> के ये स ख़्त सख़्त मरहले <ref>समस्याएँ </ref>
हैरां हूँ मैं कि फिर भी तुम इतने हसीं रहे
इस इश्क़ की तलाफ़ी-ए-माफ़ात <ref> समय निकलने के बाद की क्षतिपूर्ति</ref> देखना
रोने की हसरतें हैं जब आँसू नहीं रहे
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