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'''ग़ज़ल'''
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* [[डराने मिटाने के लिए दिन को अँधेरा रोज आता है / ओमप्रकाश यती]]
* [[कितने टूटे कितनों का मन हार गया / ओमप्रकाश यती]]
* [[खेत सारे छिन गए... / ओमप्रकाश यती]]