भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{kkGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = ओमप्रकाश यती |संग्रह= }} {{KKcatGhazal}} <poem> म...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{kkGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार = ओमप्रकाश यती
|संग्रह=
}}
{{KKcatGhazal}}
<poem>
मदद करना बहुत दुश्वार था
ज़रूरतमंद भी खुद्दार था
जहाँ बिकने को थे बेताब सब
हमारे हर तरफ बाज़ार था
रियाया दे रही थी थैलियाँ
सियासत का अजब दरबार था
ज़रूरत पर पडोसी आ गए
ये उसका प्रेम था, व्यवहार था
मैं खुश था मुफ़लिसी में इसलिए
कि मेरे पक्ष में परिवार था
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार = ओमप्रकाश यती
|संग्रह=
}}
{{KKcatGhazal}}
<poem>
मदद करना बहुत दुश्वार था
ज़रूरतमंद भी खुद्दार था
जहाँ बिकने को थे बेताब सब
हमारे हर तरफ बाज़ार था
रियाया दे रही थी थैलियाँ
सियासत का अजब दरबार था
ज़रूरत पर पडोसी आ गए
ये उसका प्रेम था, व्यवहार था
मैं खुश था मुफ़लिसी में इसलिए
कि मेरे पक्ष में परिवार था
</poem>