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==जन्म==
: 12 अक्तूबर 1938
==कृतियाँ==
आँखों भर आकाश, मौसम आते जाते हैं , खोया हुआ सा कुछ, लफ़्ज़ों के फूल, मोर नाच, आँख और ख़्वाब के दरमियाँ, सफ़र में धूप तो होगी
विविध 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
==संपादन==
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फ़िल्म प्रोड्यूसर-निर्देशक-लेखक [[कमाल अमरोही]] उन दिनों फ़िल्म रज़िया सुल्ताना ([[हेमा मालिनी]], [[धर्मेन्द्र]] अभिनीत) बना रहे थे जिसके गीत [[जाँनिसार अख़्तर]] लिख रहे थे जिनका अकस्मात निधन हो गया। [[जाँनिसार अख़्तर]] ग्वालियर से ही थे और निदा के लेखन के बारे में जानकारी रखते थे जो उन्होंने शत-प्रतिशत शुद्ध उर्दू बोलने वाले [[कमाल अमरोही]] को बताया हुआ था। तब [[कमाल अमरोही]] ने उनसे संपर्क किया और उन्हें फ़िल्म के वो शेष रहे दो गाने लिखने को कहा जो कि उन्होंने लिखे। इस प्रकार उन्होंने फ़िल्मी गीत लेखन प्रारम्भ किया और उसके बाद इन्होने कई हिन्दी फिल्मों के लिये गाने लिखे।<br>
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उनकी पुस्तक '''मुलाक़ातें''' में उन्होंने उस समय के कई स्थापित लेखकों के बारे मे लिखा और भारतीय लेखन के '''दरबारी-करण''' को उजागर किया जिसमें लोग धनवान और राजनीतिक अधिकारयुक्त लोगों से अपने संपर्कों के आधार पर पुरस्कार और सम्मान पाते हैं। इसका बहुत विरोध हुआ और ऐसे कई स्थापित लेखकों ने निदा का बहिष्कार कर दिया और ऐसे सम्मेलनों में सम्मिलित होने से मना कर दिया जिसमें निदा को बुलाया जा रहा हो।<br>
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जब वह पाकिस्तान गए तो एक मुशायरे के बाद कट्टरपंथी मुल्लाओं ने उनका घेराव कर लिया और उनके लिखे शेर -<br>
'''घर से मस्जिद है बड़ी दूर, चलो ये कर लें।'''
'''किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए॥'''
पर अपना विरोध प्रकट करते हुए उनसे पूछा कि क्या निदा किसी बच्चे को अल्लाह से बड़ा समझते हैं? निदा ने उत्तर दिया कि मैं केवल इतना जानता हूँ कि मस्जिद इंसान के हाथ बनाते हैं जबकि बच्चे को अल्लाह अपने हाथों से बनाता है।
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उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम '''तहरीर''' है।
==रचनाएँ==
===कुछ लोकप्रिय गीत===
* तेरा हिज्र मेरा नसीब है, तेरा गम मेरी हयात है (फ़िल्म रज़िया सुल्ताना)। यह उनका लिखा पहला फ़िल्मी गाना था।
* आई ज़ंजीर की झन्कार, ख़ुदा ख़ैर कर (फ़िल्म रज़िया सुल्ताना)
* होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है (फ़िल्म सरफ़रोश)
* कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता) (पुस्तक '''मौसम आते जाते हैं''' से)
* तू इस तरह से मेरी ज़िंदग़ी में शामिल है (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता)
* चुप तुम रहो, चुप हम रहें (फ़िल्म इस रात की सुबह नहीं)
* दुनिया जिसे कहते हैं, मिट्टी का खिलौना है (ग़ज़ल)
* हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी (ग़ज़ल)
* अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये (ग़ज़ल)
* टीवी सीरियल '''सैलाब''' का शीर्षक गीत
===काव्य संग्रह===
* लफ़्ज़ों के फूल (पहला प्रकाशित संकलन)
* मोर नाच
* आँख और ख़्वाब के दरमियाँ
* खोया हुआ सा कुछ (१९९६) (१९९८ में साहित्य अकादमी से पुरस्कृत)
* आँखों भर आकाश
* सफ़र में धूप तो होगी
===आत्मकथा===
* दीवारों के बीच
* दीवारों के बाहर
* निदा फ़ाज़ली (संपादक: कन्हैया लाल नंदन)
===संस्मरण===
* मुलाक़ातें
* सफ़र में धूप तो होगी
* तमाशा मेरे आगे
===संपादित===
* [[बशीर बद्र]] : नयी ग़ज़ल का एक नाम (संपादित)
* जाँनिसार अख़्तर : एक जवान मौत (संपादित)
* दाग़ देहलवी : ग़ज़ल का एक स्कूल (संपादित)
* मुहम्मद अलवी : शब्दों का चित्रकार (संपादित)
* जिगर मुरादाबादी : मुहब्बतों का शायर (संपादित)
===पुरस्कार और सम्मान===
* १९९८ [[साहित्य अकादमी]] पुरस्कार - काव्य संग्रह '''खोया हुआ सा कुछ''' (१९९६) पर - Writing on communal harmony
* National Harmony Award for writing on communal harmony
* २००३ [[स्टार स्क्रीन पुरस्कार]] - श्रेष्टतम गीतकार - फ़िल्म '''सुर'' के लिए
* २००३ [[बॉलीवुड मूवी पुरस्कार]] - श्रेष्टतम गीतकार - फ़िल्म '''सुर'' के गीत '''आ भी जा''' के लिए
* मध्यप्रदेश सरकार का मीर तकी मीर पुरस्कार (आत्मकथा रुपी उपन्यास '''दीवारों के बीच''' के लिए)
* मध्यप्रदेश सरकार का खुसरो पुरस्कार - उर्दू और हिन्दी साहित्य के लिए
* महाराष्ट्र उर्दू अकादमी का श्रेष्ठतम कविता पुरस्कार - उर्दू साहित्य के लिए
* बिहार उर्दू अकादमी पुरस्कार
* उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी का पुरस्कार
* हिन्दी उर्दू संगम पुरस्कार (लखनऊ) - उर्दू और हिन्दी साहित्य के लिए
* मारवाड़ कला संगम (जोधपुर)
* पंजाब एसोशिएशन (मद्रास - चेन्नई)
* कला संगम (लुधियाना)
==निवेदन ==
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