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'''[[हरीश चन्द्र पाण्डे]]'''
 
 
अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) की सुरम्य पहाडियों ने हिन्दी साहित्य और देश को कई महत्वपूर्ण साहित्यकार दिये हैं जिनमें प्रकृति के सुकुमार कवि [[सुमित्रानन्दन पंत]], [[इलाचन्द्र जोशी]], गौरापंत [[शिवानी]], [[मनोहर श्याम जोशी]], [[शेखर जोशी]], [[शैलेश मटियानी]], [[पंकज बिष्ट]] और [[मृणाल पाण्डे]] प्रमुख हैं।
समकालीन हिन्दी कविता में [[हरीश चन्द्र पाण्डे]] एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें [[हरीश चन्द्र पाण्डे]] का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है।
==काव्य कृतियां==
पाण्डे जी की महत्वपूर्ण काव्य कृतियां हैं - ''कुछ भी मिथ्या नहीं है'', ''एक बुरुंश कहीं खिलता है'', ''भूमिकाएं खत्म नहीं होतीं'' और 'असहमति (प्रकाशनाधीन)।
==अनुवाद==
पाण्डे जी की कविताओं में कन्टेन्ट की ताजगी और कहन की शैली दोनों स्तरीय होते हैं। हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताओं का कई भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है यथा- अंग्रेजी, बांग्ला, उड़िया, पंजाबी तथा उर्दू।
==पुरस्कार / सम्मान==
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