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चील गिद्धों ने
हवा मे में गंध पाकर
ले लिए छत बीच अपने हैं बसेरे,
श्वान गलियों में
चीख़ निकले,
होंठ पर लटका हुआ बेजान ताला ।
बिल्लियों ने रोज़ काटा रास्ते को,बंदिशों ने कामना को रौद डाला ।
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