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<poem>
एक करें यह काम,
अंधियारे के माथे पर लिख दें
तोड़ें दंभ इन्द्र का मिलकर
सबकी प्यास हरें । ,
द्वेष, घृणा, कुंठा, पीड़ा, का
दिन-दिन हृास ह्रास करें । ,
धरती, अम्बर, पर्वत, घाटी
सबको कर अभिराम ।