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चिड़ियाघर की पहरेदारी
बाज़ों ने पाई,
घायल श्वेत कबूतर, चीलें,
भरती फिरें उड़ान ।
हिलना डुलना भूल गए हैं,
पीपल के पत्ते,
क्या होगा फिर तेरा मेरे
प्यारे हिन्दुस्तान ?
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