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Kavita Kosh से
इसका गौरव गान
इसकी परिपाटी
कौन छीन सकता फिर
इससे फूलों की घाटी
एक नहीं
योद्धा यहाँ महान
बदल गयी इतिहास देश का
बापू की लाठी
अंतरिक्ष तक
ध्वजा तिरंगा
भले पड़ गयी देनी इसको
लाखों कुर्बानी
सवा लाख
दुश्मन पर भारी
इसका एक जवान
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