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{{KKRachna
|रचनाकार='अना' क़ासमी
|संग्रह=|संग्रह=हवाओं के साज़ पर / 'अना' क़ासमी
}}
{{KKCatGhazal}}
मेरी आँखों से मेरी नींद उड़ा मत देना
सोच लेना कोई तावील1 तावील मुनासिब लेकिन
इस हथेली से मिरा नाम मिटा मत देना
<poem>