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Kavita Kosh से
/* गद्य */
बची हुई पृथ्वी (1977);
घबराये हुए शब्द(1981)
'''[[अनुभव के आकाश में चांद चाँद / लीलाधर जगूड़ी]] '''
==एक किशोर की अजेय जिजीविषा ==