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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
}}
[[Category: हाइकु]]
<poem>
इस धरा का
सर्वोच्च सिंहासन
है बचपन
तुतली बोली
आरती में किसी ने
मिसरी घोली
</poem>