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हाइकु / भावना कुँअर

308 bytes added, 09:25, 9 मई 2012
{{KKRachna
|रचनाकार=भावना कुँअर
|संग्रह=हाइकू हाइकु 2009 / गोपालदास "नीरज"
}}
[[Category:हाइकु]]
<poem>
1
चाहो अगरदुल्हन झीलछूना आसमान कोतारों की चूनर सेफैलाओ पंख घूँघट काढ़े ।
2
शाम के वक्तलेटी थी धूपलौटते हैं पंछी भीसागर तट परआशियाने में प्यास बुझाने !
3
लिये बैठीसिसक रहेगुलाब की पाँखुरी हरे भरे वृक्ष भीअत्याचारों सेओस की बूँद ।
4
नहीं बनातेघेरे हैं मुझे पंछी भी आशियानाउदासियों के घेरे सूखे वृक्षों पेसाँझ सवेरे । 5आसमान में काले सर्प -सा धुआँ फन फैलाए !6चिड़ियाँ गातींघण्टियाँ मन्दिर की गीत सुनाती ।7है डिस्को यहाँ छुए जो मन को वो भजन कहाँ ?
</poem>