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'जब महल से दूर बस्ती तक सवारी जायेगी तब किसी मासूम की ...' के साथ नया पन्ना बनाया
जब महल से दूर बस्ती तक सवारी जायेगी
तब किसी मासूम की नथ भी उतारी जायेगी

सिलसिला यूँ ही चलेगा ये सुबह होने तलक
और भी शायद कोई लड़की पुकारी जायेगी

हम अभी कचरा हमारा झोपड़ों पर डाल दें
फिर दिखाने को कोई कुटिया बुहारी जायेगी

देखता है कौन सीरत हर तरफ है आईने
आईनों के वास्ते सूरत निखारी जायेगी

आज वो मेहमान है अच्छी तरह ख़ातिर करें
कल हमारे हाथ से उनकी सुपारी जायेगी

आज तक समझे नहीं ये लोग दंगों के उसूल
भीड़ बेतादाद है बस भीड़ मारी जायेगी

रहनुमा हैं इसलिए ये तो सुधरने से रहे
रहनुमां के वास्ते बस्ती सुधारी जायेगी


..........प्रमोद रामावत
संपर्क- 09424097155
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