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{{KKRachna
|रचनाकार= अंजू शर्मा
}}
<poem>
बड़े बाबू आज रिटायर हो गए,
देखते हैं तो घेर लेते हैं वही अंक
और शुरू हो जाती हैं कुछ और गिनतियाँ,
बड़े बाबू आज रिटायर हो गए .................
</poem>