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Kavita Kosh से
बेतरतीब पड़े जूते, जूतियाँ,चप्पलें,
बदहाल जूते, जूतियाँ, और चप्पलें
घिसे, फटे ,पुराने अधिकांश
कितनी जल्दी में या ज़रूरी में रहा होगा वह
चाहे जो हो एकाएक जब मेरी नज़र पड़ी थी
घिसे ,फटे ,पुराने जूतों, जूतियों और चप्पलों पर
तो एकबारगी मैं ख़ुश हो गया था कि
झुग्गियाँ भी पीछे नहीं है