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अब तो छोड़ नहीं जायेंगे! / गुलाब खंडेलवाल
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13:41, 29 अगस्त 2012
अब तो छोड़ नहीं जायेंगे!
अबकी बिछुड़ी फिर न
मिलूंगी
मिलूँगी
लाख यहाँ आयेंगे
टूट गिरी जो कलिका भू पर
अब तो छोड़ नहीं जायेंगे!
अबकी बिछुड़ी फिर न
मिलूंगी
मिलूँगी
लाख यहाँ आयेंगे
<poem>
Vibhajhalani
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