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Kavita Kosh से
मैंने पर्दा खींच दिया--
गीला गीला इक हवा का झोंका उसने
मेरी 'सेन्स आफ ह्युमर' भी कुछ नींद में थी--
मैंने उठकर ज़ोर से खिड़की के पट