भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
वर्तनी सुधार
}}
यह दोने धरा
उस किनारे पर
मचलती आंधियाँआँधियाँ, तूफान, बरखा बरखा के बवण्डर,
बीच का विस्तार