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आनन्द-उमंग रंग, भक्ति-रंग रंग रंगी,
अमृत की वर्षा सरस आनन्द बरसवानी |
कहता शिवदीन बेल छाई उर छाई-छाई,
आई शुभ बसंत संत संतान संतन मन भावनी |
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