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चमकत है बिजरी गरजत घन श्याम श्याम,
बरसत ज्यूं फुवांरे पल पल मेघमाली के,
मोरन की शोर मची पीहूं-पीहूं बोलि रहे,
कोयल के मधुर शब्द बारिश बरसावना।