भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
<sort order="asc" class="ul">
* [[तीन दिन में आपको दुनिया दिखाने आए हैं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]
* [[प्यार से पौदा कोई आप लगाएं तो सही / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]
* [[ये न हरगिज़ सोचना तुम, हम कमाने आए हैं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब']]