Changes

बंटवारा कर दो / महेश अनघ

3 bytes removed, 18:19, 27 दिसम्बर 2012
धन सरकारी
मेरे हिस्से परमेसुर ।
 
शहर धुएँ के नाम चढ़ाओ
खीर-खांड ख़ैराती खाते
हमको गौमाता के खुर
 
सब छुट्टी के दिन साहब के
अजर-अमर श्रीमान उठा लें
हमको छोड़े क्षण भंगुर
 
पँच बुला कर करो फ़ैसला
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,340
edits