भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुनहरा सपना / दिनकर कुमार

3 bytes added, 08:13, 21 मार्च 2013
पढ़ रहे हैं हम लोगों के भाग्य का लेख
आपके सामने एक गिलास पानी है
और अगल-बगल में संतरी सन्तरी या दरबारी हैं
हम आपकी तस्वीर देखते हैं
आप हमारी पहुँच से बहुत दूर हैं
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits