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पंथ में सांझ / नामवर सिंह

No change in size, 08:23, 15 अप्रैल 2013
दीठ निवारना ।
याद है : चीड़ी चूड़ी की टूक से चाँद पै
तैरती आँख में आँख का ढारना ?
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