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Kavita Kosh से
खा चुके हैं आज तक मुँह की न कम।
सब दिनों मुँह की न खाना चाहिए।3।
हो गयी मुद्दत झगड़ते ही हुए।
यों न झगड़ों को बढ़ाना चाहिए।4।