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{{KKShayar}}
* [[ अयाँ हम पर न होने की ख़ुषी होने लगी है / पीरज़ादा क़ासीम]]* [[ख़िरमन-ए-जाँ के लिए ख़ुद ही शरर हो गए हम / पीरज़ादा क़ासीम]]* [[ख़ून से जब जला दिया एक दिया बुझा हुआ / पीरज़ादा क़ासीम]]* [[मैं कब से अपनी तलाश में हूँ मिला नही हूँ / पीरज़ादा क़ासीम]]* [[ज़ख़्म दबे तो इक नया तीर चला दिया करो / पीरज़ादा क़ासीम]]