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Kavita Kosh से
कि मिरे पास बजुज़ मेह्रो-वफ़ा कुछ भी नहीं
इक ख़ूँ-गश्ता तमन्ना के सिवा कुछ भी नहीं
१.मित्रता की गली २.विछोह के जश्न की मुबारकबाद